विपरीत परिस्तिथियों में भी हँसिये
कठिनाइयों में मुस्कुराइए और
असफलता में सफलता की सम्भावना
देखिये
"- Pandit Shriram Sharma Acharya "
(2)
संकट या तो मनुष्य को तोड़ देते हैं
या उसे चट्टान जैसा मज़बूत बना देते हैं
"- Pandit Shriram Sharma Acharya "
(3)
आलस्य से अधिक घातक
और करीबी शत्रु दूसरा नहीं.
"- Pandit Shriram Sharma Acharya "
(4)
असफलता यह बताती है
की सफलता का प्र्यास
पुरे मन से नहीं किया गया है
"- Pandit Shriram Sharma Acharya "
(5 )
मनुष्य एक अनपढ पत्थर है
और शिक्षा एक ऐसी छेनी है
जो उसे सुन्दर आकृति प्रदान
करती है
(6)
अपना सुधार ही संसार
की सबसे बडी सेवा है |
"- Pandit Shriram Sharma Acharya "
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